Sunday, 12 July 2015

यह समाज कितना संवेदना हिन है(हिन्दी)

यह समाज कितना संवेदना हिन है ,
अमीर कपड़ों को वार्डराब मे सजाने के शौकीन हैं,
यहां कितने गरीब बिना चीथड़े के रह गया,
अईयो मोदी जी का सूट खासमखास हो गया ।।

मोदी जी के तन को जब से छू लिया,
वो लाखों के सूट करोड़ों का हो गया,
खून मे सनी वर्दी की क्या अवकात,
अईयो मोदी जी का सूट खासमखास हो गया ।।

कोई जवान ईलाज के लिए चीखता रहा,
शहीदों की वर्दी कूड़ेदान मे सड़ता रहा,
हिन्दुस्तान की किस्मत हाय रे फूट गया,
अईयो मोदी जी का सूट खासमखास हो गया ।।

रचना
हेमंतकुमार मानिकपुरी
भाटापारा
जिला
बलौदाबाजार-भाटापारा
छत्तीसगढ़

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