Wednesday 15 July 2015

पुरूषों के खयाल पर(हिन्दी)

पुरूषों के खयाल पर भारी पड़ना,
यूं ही नही तुम मैदान छोड़ना,
आज संकल्प कर लो हे नारी!
अब किसी से पीछे नही रहना ।।

बहोत जुल्म सहे तुमने पीड़ा,
तेरा नाम न हो अब अबला,
पुरूषों की तुच्छ विचारों को,
अब कर देना है तुम्हे खात्मा ।।

अपना तुम स्वाभिमान सजाओ,
कर्मो से अपना नाम बनाओ,
जो कहते नारी को पुरूष के हाथो का मैल,
उठ खड़ा हो सबक खीखाओ खत्म करो ये खेल !

सदा वन्दनीय नारी की भूमिका,
जिस घर नारी नही वह घर नही होता,
हम पुरूष नारी के पूजा की प्रसाद है,
उनके ही गर्भ से उपजे हम औलाद है ।।

रचना
हेमंतकुमार मानिकपुरी
भाटापारा
जिला
बलौदाबाजार-भाटापारा
छत्तीसगढ़

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