Saturday 11 July 2015

फोकट के चाउंर जंजाल होगे रे(छत्तीसगढ़ी)

काम करय नही अब कोनो,
गली गली म ताश फिटे सब कोनो,
नोनी के बाबू अलाल होगे रे,
फोकट के चांउर जंजाल होगे रे ।

          फोकट के चांउर.......

काम करे ल जाथंव कहिके,
रोज दारू पी के आथे,
लयीका मन अउ मोला बड़ सताथे,
खींचा तानी अब तो रोज हो गे रे  ।

      फोकट के चाउंर........

राशन कारड हमर नाव म आगे,
का चलही हमर ओकर मन के आगे,
कैसे करन अब हमन गुजारा,
चाउंर जम्मो वो ह बेच देथे रे ।

      फोकट के चाउंर........

    राशन कार्ड पर मेरी एक व्यंग !

रचना-
हेमंतकुमार मानिकपुरी
भाटापारा
जिला
बलौदाबाजार-भाटापारा

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