दिल मे उम्मीद जगाये रखना,
वो पुरानी खिड़कियाँ खुली रखना ।
वो आ जाए कहीं भूलकर भी घर,
सजाए इक गुलस्ता गुलाब रखना ।
वो बहार न जाने कब बरस जाए,
आंगन मे सजाए दुआ रखना ।
खुदा की रहमत न जाने कब आ जाए,
अपना दामन जरा पाक साफ रखना ।
रचना
हेमंतकुमार मानिकपुरी
भाटापारा
जिला
बलौदाबाजार-भाटापारा
छत्तीसगढ़
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