सुआ,ददरिया अउ करमा के धरती,
राउत नाचा पंथी नृत्य के स्वर लहरी,
इंहा ढोंगरगढ़, रतनपुर, गिरौद महान हे,
मोर छत्तीसगढ़ महतारी तोला परनाम हे
मोर छत्तीसगढ़.....
तोर कोरा सिरपुर, मल्हार ,भोरमदेव राजिम,
हमर संस्कृति के अबड़ पुराना पहिचान हे,
बारनवापारा ,अचाकमार, बस्तर के घोर जंगल,
इंहा मिनी माता शहीद वीरनरायन के गुनगान हे।
मोर छत्तीसगढ़......
बांगो ,खुड़ीहा, गंगरेल के अड़बड़ पानी,
पलोवय छत्तीसगढ़ के खेती अउ किसानी,
अरपा ,पैरी, शिवनाथ, महानदी के निर्मल धारा,
हमर छत्तीसगढ़िया मन बर अमरित समान हे ।
मोर छत्तीसगढ़.....
लहर लहर लहरावय धान के सोनहा बाली,
अंकरी ,तीवरा, चना ,राहेर जिंहा के ओन्हारी,
वनोपज गोंद ,महुआ, तेंदूपत्ता के भरमार हे ,
इंहा घर घर कोठी घर घर गाड़ा गाड़ा धान हे।
मोर छत्तीसगढ़.....
भेलयी के कारखाना के दुनिया म पहिचान हे,
इंहा लोहा ,हीरा, कोईला के बड़े बड़े खदान हे,
श्रम के पूजा बड़े बिहिनिया खंती खनके होथे,
इंहा मनखेअड़बड़ सीधा साधा गुनवान हे।
मोर छत्तीसगढ़ महतारी तोला परनाम हे..
रचनाकार-हेमंतकुमार मानिकपुरी
गांव -नवागांव (नवागढ़)
जिला-बेमेतरा छ. ग.
No comments:
Post a Comment