जीवन भर का साथ अब टूटी है,
अभी अभी उनकी धर्म पत्नी गुजरी है,
ये खयाल भी कितना भयावह है !
जो वृद्धावस्था को एकांकी कर देता है ।
बेटे, बच्चे और पत्नी के साथ खुश हैं,
बेटी ससुराल मे कर्तव्य निर्वाह रही है,
एसे मे हमराही का छोड़ जाना,
मन को कितना पीड़ा पहुंचाता हो गा ?.....
वास्तव मे वृद्धावस्था एक व्यापक सोच है,
जिसे इन्सान केवल वृद्ध होने पर सोचता है,
हमे इस सोच को बदल देनी चाहिए,
जिसके कगार पर वास्तव मे हमें भी जाना है !!!!!!!!
रचना
हेमंत कुमार मानिकपुरी
भाटापारा
जिला
बलौदाबाजार-भाटापारा
छत्तीसगढ़
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