कोई रास्ते से पत्थर उठाता है,
कोई खेतो मे फसल उगाता है,
कोई सीमा पर करता रखवाली,
कोई समाज पर अर्पण है ।।
कोई संगीत सीखाता है,
जीने के गुर बतलाता है,
सजा कर सात सूरों को,
दुख सूख के गीत सुनाता है ।।
वो संदर्भ बहोत ही न्यारा है,
जिसने जीवन निखारा है,
रास्ते अलग हो देश प्रेम के,
पर सबने देश संवारा है ।।
पर एक शिक्षक सबसे अलग है,
सभी रास्तों का जनक है,
वो गुणों के खान का हीरा,
बिना शिक्षक के संसार अधूरा ।।
रचना
हेमंतकुमार मानिकपुरी
भाटापारा
जिला
बलौदाबाजार-भाटापारा
छत्तीसगढ़
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