घूम लिए तीरथ सभी,मन आया ना चैन।
माँ की गोदी में तनय,कभी बिताओ रैन।।
काँटो पर चलती रही,दे तुमको कालीन।
बूढ़ी अम्मा की सदा,सेवा कर लो लीन।।
बाप बना घोड़ा कभी,जिस पर बैठे आप।
घोड़ा अब बूढ़़ा हुआ,आप बनो जी बाप।।
खून,पसीना कर तुझे,बड़ा किया है पाल।
ज्यादा मत थोड़ा सही,फर्ज चुकाओ लाल।।
तेरा भी बेटा तुझे , छोड़ चलेंगे मान।
अच्छा बोओगे तभी,सुफल मिले है जान।।
हेमंत कुमार मानिकपुरी
भाटापारा छत्तीसगढ़