Saturday 13 April 2019

अंबेडकर

आज की मेरी पंक्तियाँ डा भीमराव अम्बेडकर के  जन्म दिन पर उनके पावन चरणों मे अर्पण.......
👏👏👏👏👏👏👏👏👏

दिन हीन अस्पृश्य जनो की,
तुम हो नव भाग्य विधाता,
नमन अभिनंदन कोटि कोटि,
अर्पण श्रद्धा सुमन अंबेडकर बाबा।

दिशा मिला नूतन राह मिला,
दशा बदल दी हम दुर्जन की,
जीवन को नई परिभाषा दी,
संविधान लिखकर तुमने बाबा।

लड़ते रहे पाखंडो से अनवरत,
भाई चारे का संदेश दिया,
दिमक लगी थी मानवता के जड़ मे,
छुआ-छुत को समूल नाश किया ।

अर्पण  श्रद्धा सुमन अंबेडकर बाबा.........

          हे  मं  त

Friday 12 April 2019

ग़ज़ल


2122     1212     22/112

दुश्मनी का सफ़र तमाम करें

सब को हँस्ते हुए सलाम करें

बारिशें काम आएँगी कब तक

अब कुएँ का भी इंतिज़ाम करें

जीना अपने लिए ही काफी नहीं

ज़िंदगी औरों के भी नाम करें

जंग जायज़ नही है यार अभी

मस्अलों पे कोई कलाम करें

काम जब हाथों से नही बनता

हौसलों से भी कोई काम करें

ग़ज़ल

हेमंत कुमार मानिकपुरी

भाटापारा (छ ग)

Saturday 6 April 2019

नेता(रास छंद)

झोपड़  पट्टी, में  झट-पट वो,अब भागे

दर्द दिया जो,पाँच साल तक,अब जागे।

अम्मा  ताई ,कह   कर  वोटें ,माँग  रहें

गुड़  की  भेली ,खाने खातिर, बाँग रहें।

हेमंत कुमार मानिकपुरी

भाटापारा

Wednesday 3 April 2019

रास छंद

रास छंद(सम मात्रिक)
8,8,6  क्रमागत दो दो चरण तुकांत

युद्ध नही हल,हरिक बात का,भान करें,

अपनी -अपनी,गलती का भी,ध्यान धरें।

मानवता  का ,मान  बढ़ाने , कष्ट  सहें

भाई -भाई ,बनकर  जी  लें, मस्त  हें।