Tuesday 29 August 2017

दोहा

भादो महिना में हुआ,बारिश का संयोग।

पानी गिरते देखकर,खुश  हैं सारे लोग।।

छाई है फिर से  घटा,कई  दिनों  के बाद।

बादल गरजा है बहुत, आया सावन याद।।

सरर-सरर चलती रही,हवा आज दिन-रात।

पानी  बरसा  जोर  से, आई  रे  बरसात।।

सूखे खेतों का मिटा,मुश्किल से जी प्यास।

जगी किसानों में नई,उम्मीदों की आस।।

चहल पहल है खार में,तेज हुए सब काज।

हल खेतों में चल पड़े,अर्र-तता आवाज।।

कोई रोपाई  करे ,कोई  ब्यासे  खेत।

खाद डाल कोई रहा,कोई कोड़ा देत।।

बाँध कछोरा हैं रखीं,सब महिला मजदूर।

काम खेत में कर रहीं, आँखों मै  है नूर।।

मेंढक खुश हैं देखकर,मस्त मस्त बरसात।

टरटों टरटों गा  रहे, कंठ  खोलकर  रात।।

झींगुर झीं-झीं कर रहा,जुगनू जलता आप।

रात ख़ास है सुरमई, उल्लू करे अलाप।।

खार-वह जगह जहाँ खेत होते हैं

अर्र-तता --बैलों को मोड़ने हेतु आवाज

कछोरा-साड़ी को मोड़कर घुटनो तक पहनने का

खा़स तरीका

दोहा

हेमंत कुमार मानिकपुरी

भाटापारा छत्तीसगढ़

Sunday 27 August 2017

दोहा

परत परत खुल जा रहा,बाबाओं का राज।

पूज रहे जिसको सभी,निकले चीड़ी बाज।।

हीरो को भी दे रहे,पल भर में ये मात।

बाहर योगी सा बने,अन्दर मैली घात।।

धरम, करम ,पैसा, सखा,पावर भी हैं साथ।

घी में डूबे हैं सभी,दोनो इनके हाथ।।

मठ इनका होता हरम,करम करे ये भोग।

अबला नारी का करे,ये वहसी संभोग।।

भोगी आशा राम है,भोगी राम रहीम।

रामपाल भी कम नही,ये सब मीठे नीम।।

अंध भक्त को चाहिए,सब कुछ को ले तोल।

फिर गुरु की सेवा करे,समझ जाय जब मोल।।

हेमंत कुमार मानिकपुरी

भाटापारा

छत्तीसगढ़

Thursday 10 August 2017

दोहा

शुक्ल पाख नवमी लगन,सावन महिना आय।
हरियर हरियर भोजली,बहिनी मन सिरजाय।।

धरती मा पानी गिरय,होवय बढ़िया धान।
इही आस ले के सबो,करय भोजली गान।।

धान गहूँ कोदो चना,चरिहा भर लहराय।
सब बहिनी सेवा करय,कतका मन ला भाय।।

दशमी के दिन भोजली,पीका फूटे तोर,
जब आए एकादशी,पाना निकले कोर।।

रूप दुवासे पींवरा,जइसे चमकय सोन।।
लहर लहर लहरा करे,देखव तो सिरतोन।

थाल फूल दीया सजे,पूजा के बड़ रीत।
गावय सेवा सब जने,देबी गंगा गीत।।

तेरस के दिन भोजली,रूप अनोखा पाय।
नान्हेपन ला कर बिदा,तरुनाई मा जाय।।

तिथि चउदस के दिन करय,पूजा पाहुन सार।
जम्मों भक्तन हे कहय,मात करव उपकार।।

पुन्नी के दिन माँ चलय,अपन सार निज धाम।
बहिनी मन बोहे रहय,आँसू अँचरा थाम।।

रचना
हेमंतकुमार मानिकपुरी
भाटापारा छत्तीसगढ़