Monday 19 December 2016

कविता

हो सृष्टि में प्रभात नव,
शुभ्र कर दे कण कण,
हर तिमिर पग वंदन,
हे दिनकर अभिनंदन।

हे दिनकर अभिनंदन....

अवगुण पर प्रतिघात हो,
निशाचरी का सर्वनाश हो,
ज्योति भर दे निष्प्राण पर,
हो मन, सत्य का निस्पंदन।

हे दिनकर अभिनंदन.....

दर्प स्वाहा स्वाहा हो,
हो अनंत ज्ञान प्रकाश पूंज,
हो शिथिल विषधर वृन्द,
उल्रास का हो अवतरन।

हे दिनकर अभिनंदन....

चर अचर प्राणी सजल मे,
वीतराग का हो उत्क्रमण,
हे देव बल पुरूषार्थ दे,
अवनति का हो तिरोहन ।

हे दिनकर अभिनंदन....

समस्त ऊर्जा स्त्रोत धारी,
धरा,अनंत गगन प्रभारी,
तारापथ है, सर्व व्याप्त तू,
कर्ता है ब्रह्मांड का संपादन।

हे दिनकर अभिनंदन....

रचना
हेमंतकुमार मानिकपुरी
भाटापारा
छत्तीसगढ़

Saturday 10 December 2016

ग़ज़ल

२१२२/२१२२/२१२

है सफ़र तन्हा अकेला जाना है,

अपनी तो बस मौत से याराना है।

अक्श हर इक छूट जायेंगे यहां,

मिट्टी हैं हम मिट्टी मे मिल जाना हैं।

रोने की आदत छुपाकर रखता हूं,

मुझ में भी चोरों का इक तहखा़ना है।

कौन मन्दिर कौन मस्जिद है भला,

बेहतर इससे कसाई खाना है।

इस शहर मे अब जिंदा कोई नही,

बस जिंदा लाशों का आना-जाना है।

ग़ज़ल

हेमंत कुमार मानिकपुरी
भाटापारा
छत्तीसगढ़




Monday 5 December 2016

ग़ज़ल

१२२२/१२२२/१२२२

दवा बीमार को  मरने   नही देती,

दिवारें छत कभी गिरने नही देती।

वो तूफानो मे कब का ढह गया होता,

तने शाखाओं  को  हिलने  नही  देती।

गज़ब हिम्मत है उस बूढ़ी का सच यारों,

कमर इस उम्र  मे  झुकने   नही     देती।

थी चिठ्ठीयों का अपना ही मज़ा सच मे,

ये जो है फोन खत लिखने  नही   देती।

वो भी हँसता मगर ये हो नही पाया,

गरीबी बचपना खिलने नही   देती।

नदी को पार करना चाहता हूं मै,

ये लहरें नाव को चलने नही देती।

ग़ज़ल

हेमंत कुमार मानिकपुरी
भाटापारा
छत्तीसगढ़


Sunday 4 December 2016

ग़ज़ल

१२२२/१२२२/१२२२

चलो अब चांद को घर पे बुलाते हैं,

कली सी बेटियों से घर सजाते हैं।

बहू बनकर बहुत जल मर गई है वो,

बहू को बेटियों सा घर दिलाते है।

हरिक आंगन गुलाबों सा महक जाये,

जरा इन बेटियों को हम हँसाते हैं।

बेटी है तो उसे बेटों सा ही पालें,

उन्हे भी आसमॉ तक चल उड़ाते हैं।

बहुत रोती है हर वो रात तकिए पे,

किसी दिन ख्वा़ब मे परियां दिखाते हैं।

मिले पल पल उसे ईज्ज़त का साया,

हवस का आंखो से पर्दा हटाते हैं।

ग़ज़ल
हेमन्त कुमार मानिक पुरी
भाटापारा
छत्तीसगढ़