झोपड़ पट्टी, में झट-पट वो,अब भागे
दर्द दिया जो,पाँच साल तक,अब जागे।
अम्मा ताई ,कह कर वोटें ,माँग रहें
गुड़ की भेली ,खाने खातिर, बाँग रहें।
हेमंत कुमार मानिकपुरी
भाटापारा
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