करूण वंदन श्रद्धाध्जली,
देखो आंखें बहती झर झर ,
जिनके प्राणों की आहुति से,
नव जीवन धरा भारत प्रबल।
करूण.......
गोलियां चलती थी दन दन,
बरसती तोपें छण छण,
वो हंसते थे मरने के लिए,
है छलनी सीना पर कहते वन्दे मातरम।
करूण........
रण मे जब तु हुंकार भरे,
करते जाते जब शत्रु दमन,
कोई फिर टिकता नही था,
जब खत खट तलवार करे।
करूण...........
है गर्व तुझपे बलिदानी,
है तेरी अनोखी कहानी,
भारत वर्ष करे तुझको,
शत शत नमन शत शत नमन।
करूण.........
रचना
हेमंत कुमार मानिकुरी
भाटापारा
जिला
बलौदाबाजार-भाटापारा
छत्तीसगढ़
Sunday, 12 July 2015
करूण वंदन श्रद्धांजलि(हिन्दी)
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