Tuesday 7 July 2015

जय हो चांउर वाले बाबा(छत्तीसगढ़ी)

जय हो चाउर वाले बाबा,
तोर लीला अपरंपार हे,
भूखे लांघन सोवय गुरूजी,
अउ कहितस बढ़ीया सरकार हे।
जय हो.........

पेट निकलगे भेष बदलगे,
तोर मंत्री मन के टेस बदलगे,
कतको गुरूजी खटीया उतरगे,
तभो तोर मूड़ी जुंहा रेंगय नहीं।
जय हो..........

भ्रष्टाचार तोर राज होवय,
चमचा मन तोर चमचम करय,
गरीब किसान के धान सरत हे,
बोनस बर कतका तरसत हे।
जय हो............

गिदरा तोर अस्पताल दिखत हे,
डाक्टर मन बीमार परत हे,
दवयी तोर अतका पावरफूल हवय,
खाईस जेन सीधा स्वर्ग जावथे ।
जय हो.............

रचना-
हेमंत मानिकपुरी
भाटापारा
जिला-
बलौदाबाजार-भाटापारा

No comments:

Post a Comment