न बह आंसू जरा सब्र तो कर,
उनकी बेवफाई की किस्से जरा सुनने तो दे ।
सजदा किए जिसे खुदा मानकर,
उसे दिल पर आरियां चलाने तो दे ।
अभी तो तुझे रोज बहना ही है,
जरा आंखों मे पानी भर जाने तो दे ।
समन्दर भी आंसुओ मे बह जाए,
इतना दर्द सीने मे जरा पनपने तो दे।
रचना
हेमंतकुमार मानिकपुरी
भाटापारा
जिला
बलौदाबाजार-भाटापारा
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