Sunday 12 July 2015

करगा मन ल छांटेल परही(छत्तीसगढ़ी)

अमरबेल कस चुहकत हे,
छत्तीसगढ़ के लमेरा मन।
जेन बन कचरा कस बाढ़े हे,
करगा कस छांटेल परही॥

करगा कस..

जल जंगल जमीन जेकर,
दर दर भटकय मोर भाई।
आदिबासी के भलई बर संगी,
जुरमिल हक देवाय ल परही॥

करगा कस..

बड़े बड़े नेता बनगे परदेसिया,
बड़े बड़े बनगे अधिकारी ग।
छत्तीसगढ़िया ल जुती समझय,
अब एला उखरा गोड़ करेल परही॥

करगा कस..

सीधा सादा बने रहय ले,
अब काम कहां चलथे संगी।
फरकावव अब बांही के बाजू,
अपन हक ल अब छिनेल परही॥

करगा कस..

सकला जव जम्मो संगवारी,
छत्तीस कोति अब झिन बगरव।
जुरमिल रहे म बड़ ताकत हे,
छत्तीसगढ़िया ल सकलायेल परही॥

करगा कस छांटेल परही..

रचना
हेमन्त कुमार मानिकपुरी
भाटापारा
जिला
बलौदाबाजार-भाटापारा
छत्तीसगढ़
8871805078





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