ए लेड़गी तोला अतका मै भातेंव,
मोर मन के तोला चंदा बनातेंव,
हमर मया के फुलवारी म,
फूल नही चंदयीनी बगरातेंव ।
मया के हमरो संसार होतीस,
मोर छिदका के तोला रानी बनातेंव,
जम्मो दुख तोर भाग के मोला,
सुख अपन हिस्सा के तोला खवातेंव ।
मै नांगर बयीला धरे खेत जातेंव,
तैं बटकी म बासी धरे आते,
मेढ़ म बैठ सुख दुख बीसारतेन,
तैं मोला खवाते मै तोला खवातेंव ।
रचना
हेमंतकुमार मानिकपुरी
भाटापारा
जिला
बलौदाबाजार-भाटापारा
छत्तीसगढ़
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