बदली परिस्थितियों मे कंही बदल न जाऊं
जब भी हिलोरे खाऊं सम्हल न पाऊं,
किसी अन्जान राहों पर भटक न जाऊं,
हे प्रिये तुम मेरी नाव की पतवार बन जाना ।
हे प्रिये..................
जीवन राह कठीन है,
यहां बदलते समय और मन है,
संघर्ष का अंत यहाँ नही है,
एसे मे मेरी हौसलो की पुकार बन जाना ।
हे प्रिये..................
इस दुनिया मे तेरे सिवाय कोई नही मेरा,
अपनी प्रेम की शीतल छाया बरसा देना,
हजारों सपने लिए है मन मेरा,
मेरे सपनो को अपने हाथों से रंग चढ़ा दिया करना ।
हे प्रिये...............
हेमंत
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