पुलिस वाला ट्रफिक मे देख रहा था खड़ा,
कोई गाड़ी एसी आए जिससे माल मिले बड़ा,
कह रहा था शहर के लौंडे को मत भेजना भगवान,
अगर आ भी जाए तो उस पर नही दूंगा ध्यान ।।
दो चार गांव से अनपढ़ अनाड़ी भेज देना,
माल मिलता है बढ़ीया उनसे कयी गुना,
मेरी झोली आज भर देना भगवान,
खर्च कर दिए वसूली आज टी आई को भी है देना ।।
इतने मे हेलमेट पहने भिन्डी वाला गुजरा,
कहा रोककर हेलमेट तो ठीक जरा लाईसेंस दिखाना,
लाईसेंस देखकर कहा टायर क्यों है पुराना,
सौ दे वरना कोर्ट जाकर चालान पटाना ।।
डरा सहमा आदमी क्या करता बेचारा,
निकाल सौ का नोट हो गया रवाना,
पुलिस वाले इतना बेदर्द क्यों हो रहे हैं,
जनता का रक्षक ही भक्षक हो रहे हैं ॥
आवारा लड़के तीन तीन सवारी गुजरते है,
पर उनके कान मे जूं तक नही रेंगता,
सीधा सादा ईंसान आज परेशान बने हैं,
पुलिस वाला गुंडों के अवतार बने है ।।
रचना
हेमंतकुमार मानिकपुरी
भाटापारा
जिला
बलौदाबाजार-भाटापारा
छत्तीसगढ़
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