पी लिया गम सीने मे पत्थर रखकर,
जी लिया जिंदगी तुझसे जुदा होकर ।
अब न आना तु राहे वफा मे धड़कन,
बेहोश ही रहने देना इस कायनात मे।
जाने दे दुर किस्मत इस शहर से,
कोई घर तलाशने दे वीराने मजार मे ।
बीते जमाने की मुरीद न बन जाउं कही "हेमंत" ।
डर लगता है उस यादों के बहार से ।
रचना
हेमंतकुमार मानिकपुरी
भाटापारा
जिला
बलौदाबाजार-भाटापारा
छत्तीसगढ़
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