कुछ कसर रह न जाए बाकी,
ईतना मुझे तड़फा जाना,
दो फूल लेकर मेरी कब्र पर,
अफसोस जताने आ जाना ।
अफसो स जताने......
वो रंगीन शामे शहर की,
कुछ यादें मेरी ले आना,
खून से लिखा था जो खत मेरा,
आकर तुम लौटा जाना ।
अफसोस जताने.........
जरा बालों को बिखरा आना,
कुछ चेहरे पर मायूसी ले आना,
वर्ना लोग पूछेंगे तुमसे सवाल,
झुठा ही सही कुछ अश्क बहा जा ।
अफोसस जताने आ जाना.....
रचना
हेमंतकुमार मानिकपुरी
भाटापारा
जिला
बलौदाबाजार-भाटापारा
छत्तीसगढ़
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