Thursday 31 December 2015

दैनिकभास्कर

लिपे पोते जम्मो घर कुरिया सुघ्घर,
सबो पारा दिखे हावे उज्जर उज्जर।
अंधियारी हरे लअंजोरी तिहार आगे,
संगवारी हो देखव  देवारी तिहार आगे ॥

संगवारी हो देखव.....

धनतेरस के धनवंतरी दाई ल मनाबो,
नरक चउदस के नरकासुर ल हरबो।
लछमी पुजा के लछमी दाई ल मनाबो,
सुरसुरी फटाका दिया के तिहार आगे॥

संगवारी हो देखव......

जम्मो खेत खार घुरूवा अउ कोठार,
बारि बखरी अंगना परछी घर दुवार।
तुलसी चौरा महमाई चौरा जगमग दिखे,
जम्मो जघा बरत दिया के तिहार आगे ॥

संगवारी हो देखव...........

गउ पुजा होही गउ माता सोहयी बंधाहि,
घर घर चुरही जिमी कांदा के साग।
मुंधरहा गौरी गौरा के बिहाव ल करबो,
अउ संझाकुन गोवरधन तिहार आगे॥

संगवारी हो देखव.......

भाई दूज बहिनी के मया के जुग चिनहारी,
बहिनी भाई ल पूजा कर टिका लगाही,
दुधखिचरी खवाके बढ़िया उपहार पाहि,
भाई बहिनी के अमोल मया तिहार आगे॥

संगवारी हो देखव......

रचना
हेमंतकुमार मानिकपुरी
भाटापारा
जिला
बलौदाबाजार-भाटापारा
छत्तीसगढ़

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