दिल -ए -फ़साना हमारा दिखाई नही देता
हम रोयें तो रोना हमारा दिखाई नही देता
जिंदगी यहां जाने किस रफ़्तार से गुजरती है
हम गुज़रें तो चलना हमारा दिखाई नही देता
हमने मोहब्बत किया की अफ़साना हमारा भी हो
इश्क-ए-ईमारत क्यूं हमारा दिखाई नही देता
पांव जिनके पड़तें हो फूलों के मखमली सेज पर
कांटों पर लहू पांव हमारा दिखाई नही देता
किस जतन से अब जिंदगी बसर करे "हेमंत"
जिंदगी को जिंदगी हमारा दिखाई नही देता
रचना
हेमंतकुमार मानिकपुरी
भाटापारा
जिला
बलौदाबाजार -भाटापारा
छत्तीसगढ़
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