हाईकू ५/७/५
१
बारिश नही
खेत पर सूखते
त्रास किसान
२
मेघ रूठे तो
उजड़ गई धरा
है अवसन्न
३
ताल सूखे से
जल जन्तु अनाथ
है खिन्न खिन्न
४
देंह तपती
जल रहा भूतल
घोर अनल
५
उड़ तुरंग
अनुग्रह हे मेघ
हर विपन्न
हेमंत कुमार मानिकपुरी
भाटापारा
छत्तीसगढ़
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