आवत हे बस जावत हे,
कोन जनी का खावत हे।
हमर नेता जी ल देखव तो,
भंईसा असन मोटावत हे॥
घर कुरिया चकाचक होगे,
कार घलो टनटनावत हे।
बिड़ी बर पईसा नई रहय ,
तेन चोंच लाल देखावत हे॥
कोन जनी का पा गे हे,
नेता जी तो बस छा गे हे।
सादा बंगाली कुरथा पहिरे,
बड़ मुछ म ताव लगावत हे॥
जनता ह भूख मरत हे,
तरिया हा उथरू होवत हे।
गली गली डबरा खोंचका हे,
अउ नेता जी चोचलावत हे॥
कोनो बात ककरो नई मानय,
बोट देवइया ल नई जानय।
बस मंद महुरा पी के रोज,
गली गली भकभकावत हे॥
हमर नेता जी ल देखव तो
भंईसा असन मोटावत हे...॥॥॥
रचना
हेमंतकुमार मानिकपुरी
भाटापारा
जिला
बलौदाबाजार-भाटापारा
छत्तीसगढ़
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