Saturday 9 January 2016

भंईसा असन मोटावत हे

आवत हे बस जावत हे,
कोन जनी का खावत हे।
हमर नेता जी ल देखव तो,
भंईसा असन मोटावत हे॥

घर कुरिया चकाचक होगे,
कार घलो टनटनावत हे।
बिड़ी बर पईसा नई रहय ,
तेन चोंच लाल देखावत हे॥

कोन जनी का पा गे हे,
नेता जी तो बस छा गे हे।
सादा बंगाली कुरथा पहिरे,
बड़ मुछ म ताव लगावत हे॥

जनता ह भूख मरत हे,
तरिया हा उथरू होवत हे।
गली गली डबरा खोंचका हे,
अउ नेता जी चोचलावत हे॥

कोनो बात ककरो नई मानय,
बोट देवइया ल नई जानय।
बस मंद महुरा पी के रोज,
गली गली भकभकावत हे॥

हमर नेता जी ल देखव तो
भंईसा असन मोटावत हे...॥॥॥

रचना
हेमंतकुमार मानिकपुरी
भाटापारा
जिला
बलौदाबाजार-भाटापारा
छत्तीसगढ़

No comments:

Post a Comment