Monday 18 January 2016

मया के डोरी

मया के डोरी
बांधव कोरि कोरि
नवा बछर म संगी
टोरव अरझट के डोरी।

एके गेलास के पानी
आने आने कईसे होही
छुआ छुत ल टारव
टोरव ऊंच नीच के डोरी।

एके खून हे लाल
एके हे मानुष तन
करिया गोरीया ल बदलव
टोरव रंग रूप के डोरी।

मया करव जम्मो झिन ल
भाई भाई के बात करव
संग रहव सब मिल -जुल के
टोरव बईर खूंटा के डोरी।

बने सचेत सुजान बनव
बेटी मन के धियान करव
सब लईका एक बराबर
टोरव टूरा बर मया के डोरी।

महतारी अउ बाप
बबा दाई के गान करव
हमर बुझत दिया हे एमन
टोरव वृद्ध आसरम के डोरी।

अपन जनम करम भूमि के
मान अउ लाज रखव
भारत के पागा रखे बर
टोरव नक्सल/आतंकवाद के डोरी।

रचना
हेमंतकुमार मानिकपुरी
भाटापारा
जिला
बलौदाबाजार-भाटापारा
छत्तीसगढ़

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