Monday 18 January 2016

स्किल इंडिया

देश के छोकरा छोकरी मन,
अपन रद्दा सुवयंम गढ़त हे,
पढ़े के संग अब कढ़त घलो हे,
स्किल इंडिया अब आघु बढ़त हे।

किसीम किसीम के काम बुता,
बने मन लगा के सीखत हवय,
बेवस्था बनत हे धन अरजन के,
स्किल इंडिया अब आघु बढ़त हे।

भुमि परिक्छन कर फसल बोंवात हे,
हाईब्रिड बीजहा ,खातू डरात हे,
ले खेती किसानी के नवा तकनीक,
स्किल इंडिया अब आघु बढ़त हे।

नवा नवा स्वरोजगार सीखत हे,
औद्योगिक परशिक्षन बने पावत हे,
अब पढ़े लिखे मन ठलहा नी रहय,
स्किल इंडिया अब आघु बढ़त हे।

छोटे बड़े रोजगार पानी बर,
बने सस्ता म लोन ल पावत हे,
अब खाय ले अकतहा कमावत हे,
स्किल इंडिया अब आघु बढ़त हे।

रचना
हेमंतकुमार मानिकपुरी
भाटापारा
जिला
बलौदाबाजार-भाटापारा
छत्तीसगढ़

No comments:

Post a Comment