मैं जब रात में
तारों को देखता हूं
कितनाअच्छा लगता है
तारों का समूह
ऐसा लगता है
मानो एक दूसरे से
प्रेमबद्ध होकर
एक दूसरे के
ह्रदय में समा रहे हों
जैसे ...
ये एक दूसरे के लिए ही
बने हों
सारा आकाश
रात भर
तारों के आलिंगन से
भरा होता है
शुक्र है
मैं ये जानता हूं
यह एक वहम है
दूर से देखने पर
सब कुछ पास ही
दिखाई देता है....!!!
हेमंत कुमार "अगम"
भाटापारा छत्तीसगढ़
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