Tuesday 29 November 2016

२२१२/२२१२/२२१२

दिल बेचने भी यार आया कर कभी,

इस इश्क के बाजार आया कर कभी।

दिल टूटने का दर्द अब होगा नही,

इन पत्थरों से दिल लगाया कर कभी।

माना सितारों से बहुत है प्यार पर,

जुगनूओं को घर पे बुलाया कर कभी।

दुनिया अमीरों के मुआफ़िक है मगर,

कुछ घर गरीबी के दिखाया कर कभी।

ये रास्ते बेशक तरक्की के हैं,

पैमाना पर इनका बताया कर कभी।

ग़ज़ल
हेमंत कुमार मानिकपुरी
भाटापारा
छत्तीसगढ़

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