Friday 9 August 2024

बादल तो जोकर लगता है

बिल्ली  फिर   बन्दर   लगता   है
बादल   तो   जोकर   लगता    है

भालू    जैसा    रुप    है    कालू
बादल    उल्लू    पर   लगता   है


गिरगिट    जैसा    रंग    बदलता
बादल     जादूगर     लगता     है


मोर-मोरनी   पल    में     बनकर
पल  में   क्यों   तीतर  लगता   है


बादल    में   सब    कहते   पानी
धुआँ-धुआँ   सा   पर  लगता   है


कभी   बरसता   कभी  चमकता
तड़का  तो  फिर   डर  लगता  है


आसमान    में     फिरता   रहता
बादल    तो    बेघर    लगता   है


हेमंत कुमार  "अगम"
भाटापारा छत्तीसगढ़

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