नागू टीचर बीन बजाकर,एकदम मस्त पढ़ाते।
बीच बीच में स्वयं नाचकर,सबको भी नचवाते।।
जोकर वाला उनका कपड़ा,रहता थोड़ी ढीली।
आँखों पर मोटा सा चशमा,टोपी सर पे पीली।।
तरह - तरह के कार्ड बोर्ड पर,सुन्दर चित्र बनाते।
दीवालों पर लिख लिखकर ,बच्चों को समझाते।।
कंकड़ - पत्थर कंचे से ही, जाने क्या कर जाते।
जोड़ -घटाना का जादूगर, इसी लिए कहलाते।।
हाथी भालू बंदर बब्बर,मिलकर पाठ समझते।
तोता मैना सारस बगुला , हँसते-हँसते पढ़ते।।
कोई नागा ना करता था, झटपट शाला आते।
नागू टीचर फोकट में ही , सबको रोज पढ़ाते।।
हेमंत कुमार "अगम"
भाटापारा छत्तीसगढ़
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