Sunday 11 August 2024

आँखें

                 आँखें

काली    आँखें    भूरी   आँखें
किसी  किसी की नीली आँखें


चुप    होती  पर  करती  बाँतें
रोती    गाती    हँस्ती    आँखें


देख-देख  कर   प्यार  जतातीं
गुस्सा  कभी  दिखाती   आँखें


दिन  भर  सबको ताड़ा करती
रात-रात    भर   सोती  आँखें


जंगल   नदियाँ   पर्वत  सागर
कभी गगन  दिखलाती  आँखें

 
हेमंत कुमार "अगम"
भाटापारा छत्तीसगढ़







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