Sunday 15 September 2024

गीत

पल दो पल का प्यार-व्यार है,
फिर   तन्हा  भी  रहना  होगा।
जिन  आँखों  से  देखे  सपने,
उन  आँखों   से  रोना   होगा।।


दाढ़ी    मूँछें     लंबी  -  लंबी,
बाल      जटा    वाले     होंगे।
धोबी   जैसा   कुत्ता   बनकर,
'घर  न  घाट' भी  होना  होगा।।


चैन-वैन    सब   खो   जाएँगे,
रातों     तारे     गिनने    होंगे।
चंद्रकांत   की    शीतलता  में,
सूरज   जैसा   जलना   होगा।


रिश्ते-नाते          यार-दोसती,
अम्मा-बापू      खो     जाएँगे।
घूम-घूम    कर  गली मुहल्ला,
पागल   जैसा   रहना   होगा।।


गम  के  आँसू  मदिरालय  में,
मय   पी   कर   पोंछे  जाएँगे।
टूट  चुके  दिल   के प्यालों में,
तन्हाई   भर    पीना    होगा।।


दुख ,पीड़ा   सँग - साथी होंगे,
और नही   कुछ हासिल होगा।
जी कर   मरना मर कर जीना,
इक दिन फिर खो जाना होगा।।



पल दो पल का प्यार.......


हेमंत कुमार "अगम"
भाटापारा छत्तीसगढ़





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