Tuesday 6 February 2018

अरसात सवैया- सात भगण एक रगण


राम नही जिनके मुख, वो तन का कुछ मोल नही, सच बात है।

राम जपे नित जो ,हर कारण से कर पात ,तुरंत निजात है।।

है सब झूठ यहाँ ,बस राम कृपा, दुखिया मन को हरसात है।

राह सही मन राम जपो ,बस नाम यही भव, पार  करात है।।

––हेमंत कुमार मानिकपुरी

      भाटापारा (नवागाँव)

       छत्तीसगढ़

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