संस्कृति भारत की रही,जग में सदा महान।
वेलेन्टाइन डे नहीं ,भारत की पहचान।।
वेलेन्टाइन डे नही....
युगल जान लें बात ये,छोड़ें मिथ्या भान।
अपनी श्रद्धा भेंट करें,जननी को श्रीमान।।
वेलेन्टाइन डे नही....
लज्जा तो है ही नहीं,ना दुनिया का भान।
बाँहों में बाँहें भरे, करते अधर मिलान।।
वेलेन्टाइन डे नही....
मंत्र मुग्ध क्यूँ हो रहा,धर अपना अज्ञान।
संगत झूठे प्रेम की , समझो रे नादान।।
वेलेन्टाइन डे नही....
प्रेम समर्पण त्याग है, प्रेम नाम अवदान।
खुदी राम से सीख लें, देश प्रेम का ज्ञान।।
वेलेन्टाइन डे नही....
बुद्ध कबीरा सा बनें,जग की गौरव गान।
प्रेम की देवी यहीं , मीरा को लें जान।।
वेलेन्टाइन डे नही....
रामानुज हो या भरत,जानो तुम बलिदान।
एक सिंहासन ना चढ़ा,संग ,एक भगवान।।
वेलेन्टाइन डे नही....
ये कलुषित संस्कार ना,मर्यादा की शान।
एसी रीति ठीक नही ,समझ मान सम्मान।।
वेलेन्टाइन डे नही , भारत की पहचान...
हेमंत कुमार मानिकपुरी
भाटापारा(नवागाँव)
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