पानी बड़ अनमोल हे , पानी हमर परान।
सोंच समझ खरचा करव,पानी अमरित जान।।
पानी अमरित ,जान बचाही,तन जुड़वाही।
प्यास बुझाही ,पेड़ उगाही,जग सँवराही।
नीर गँवाही,खइता जाही, समझव ग्यानी।
वो दिन आही,सब चिल्लाही,पानी पानी।
....हेमंत
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