Saturday, 18 November 2017

अमृत ध्वनि


पानी  बड़  अनमोल  हे , पानी   हमर परान।

सोंच समझ खरचा करव,पानी अमरित जान।।

पानी अमरित ,जान बचाही,तन जुड़वाही।

प्यास  बुझाही ,पेड़  उगाही,जग  सँवराही।

नीर गँवाही,खइता  जाही, समझव  ग्यानी।

वो दिन  आही,सब  चिल्लाही,पानी  पानी।

                                   ....हेमंत

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