कुछ समय को
आत्मसात कर लेना चाहिए
और उस समय को खासकर
जिस समय के साथ
अक्सर लुका छिपी
हम खेलते रहे
कभी वह समय
उस पाले में होता
कभी वह समय
इस पाले में होता
पर उस एक समय के बीच में
बहुत सारा समय
नोक-झोंक लिए रहता था
और उस नोंक-झोंक के बीच
एक चांटा और गाली
रहतीं थी
और उस चांटा और गाली के बीच
भाई बहन का
प्यार रहता था
कितना सच्चा था
वह प्यार
जिसमें
लड़ाइयां थीं नोंक-झोंक थी
पर एक दूसरे के लिए
मर मिटने का
संकल्प भी था.....
हेमंत कुमार 'अगम'
भाटापारा छत्तीसगढ़
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