Monday 7 October 2019

श्रृंगार दोहे

आओ  बैठो  पास  में  , रख  हाथों  पे  हाथ।
जानें कब मौका मिले, है कुछ पल का साथ।।

कुछ तुम भी अपनी कहो, मैं भी कह लूँ बात।
मौसम  बहुत  हसीन  है , तारों  की है  रात।।

झींगुर   हमको   देख   के  , छेड़े  हैं  संगीत।
हम  भी  सुर में सुर मिला, आओ  गाएँ गीत।।

कुछ पल को हम छोंड़ दें, दुनिया की हर रीत।
नयनों  से  बातें  करें  ,  अधरों  से  हम  प्रीत।।

जैसे  चमके  बीजुरी , कड़काओ  हिय तार।
सावन  के घन-मेघ सा, तुम बरसाओ प्यार।।

चाँदी  जैसै  देह  को  , तारों   की  सौगात।
मैं  दिन  की  अवहेलना , तुम चंदा की रात।।

नयनों  को  विश्राम  दें, बाँहों   की  है आस।
गुच्छ पुष्प सा बन गले ,लिपटें आओ पास।।

मिलना अब मुमकिन नही,मन में हैं अवसाद।
सच कहता  हूँ तुम प्रिये, आओगे  नित  याद।।

हेमंत कुमार मानिकपुरी

भाटापारा  छत्तीसगढ़

7000953817

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