Monday 5 July 2021

gazal

212  212   212  2

कुछ दुआ कुछ दवा काम आए

तब कहीं मुझको  आराम आए


झूम   उठते    हैं  बनके  शराबी

गर  लबों  पे   तिरा  नाम  आए


हो  मिरे   गाँव  की  पाक  मिट्टी

जिन्दगी  जब  तिरा  शाम आए


चाँदनी    मुस्कुराती  सफ़क़  पे

हँस्के   तू  जब कभी बाम आए


उस   गली की अजब दास्ताँ थी

जब भी गुजरे  तो बदनाम आए


हेमंत कुमार "अगम"

भाटापारा छत्तीसगढ़



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