लाकडाउन के चटपटे दोहे...
पाँव अभी बहके नही, मन पर रखें लगाम।
कुछ दिन गृहणी बन करें, घर के सारे काम।।
प्रेम प्रदर्शन का समय,अति उत्तम श्रीमान।
घर की विद्या सीख कर , पाएँ अद्भुत ज्ञान।।
खाली रहना व्यर्थ है, त्याग सभी आराम।
कर पत्नी सेवा सतत , मिलता चारो धाम।।
झाड़ू पोंछा कर सुबह , बरतन को ले माँज।
बच्चों को नहला धुला, दे काजल भी आँज।।
पुरुष जान यह बात भी, पत्नी काज महान।
कपड़े धो कर सिद्ध कर,खुद को तू हनुमान।।
पत्नी बच्चों को खिला , खस्ता पूरी भेल।
दाल भात सब्जी बना , रोटी ले भी बेल।।
दोहे गाकर प्रेम के , कर पत्नी गुणगान।
तू अदना है जान ले , पत्नी हीरा खान।।
घर में रहकर सीख ले ,सुन्दर सुन्दर काम।
कोरोना के फेर में , कमा-धमा ले नाम।।
हेमंत कुमार मानिकपुरी
भाटापारा( नवागाँव)
छत्तीसगढ़
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