Thursday 6 June 2019

दोहा

दोहा

सादा कुरथा देख के,समझव झन गुनवान।
मन मा कतका दाग हे,देवव थोरिक ध्यान।।

आनी बानी लोभ दय,करय अपन गुनगान।
भाखा मा हे गुड़ मिले,मिठहा-मिठहा जान।।

गली खोर चारो मुड़ा,रात रात भर जाय।
जेकर लालच जेन बर,वइसन भात खवाय।।

बने असन मुखिया चुनव ,फँसव नही तुम जाल।
लालच ला छोंड़व गड़ी,रखव देश के ख्याल।।

हे  नेता - नेता  मा फरक,जइसे  बगुला हंस।
राम किसन ला छाँट लव,छोंड़व रावन कंस।।

सोंच समझ तुम वोट दव,कँहव बात मैं सार।
ढेंकी   कूटय  धान  जब , भूँसा  देय  निमार।।

हेमंत कुमार मानिकपुरी

भाटापारा







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