Sunday 2 July 2017

गीत

प्यासी नदियाँ प्यासी धरती
पर्वत प्यासा प्यासी घाटी
सब देख रहे हैं आओ रे
हे मेघा तुम नीर बरसाओ रे.. २..
नील गगन से पंख लगाकर
उतरो धरती रिमझिम गा कर
दिल की प्यास बुझाओ रे
हे मेघा तुम नीर बरसाओ रे..2..
खेत तरसते देख रहे हैं
बाग बगीचे सूख गये है
अब बागो मे फूल खिलाओ रे
हे मेघा तुम नीर बरसाओ रे..2..
नैना तरसे तुम बिन बादल
सूख गये हैं माँ का आँचल
तुम लहराओ बलखाओ रे
हे मेघा तुम नीर बरसाओ रे....2

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