Sunday 18 December 2022

सत्य पुरुष बबा घासी दास



सब ला सत रसता बता,करिन बड़ा उपकार।

गुरु    बबा   के गोठ मा, हे  जीवन  के  सार।।


भाई बन जुर-मिल रहव,करव नही अभिमान।

सबके  काया  एक  हे  , सबके  लहू   समान।।


जात-पात के ढोंग ला ,अंतस   ले  दव   बार।

गुरु    बबा   के गोठ मा, हे  जीवन  के  सार।।


दारू गाँजा छोंड़ दव,खावव  झिन  जी मास।

निरमल मन के धाम मा,सत्य पुरुष  के वास।।


मनखे  जिनगी चार दिन ,  करौ  नही बेकार।

गुरु   बबा   के  गोठ मा , हे  जीवन के सार।।


मैं  अड़हा  अँव जान के ,  तारव  हे   सतनाम।

सत्य पुरुष हे आपके, चरण कमल निज धाम।।


तोर   तपोवन   धाम मा  ,  बसे सकल संसार।

गुरु   बबा   के    गोठ मा  ,हे जीवन के सार ।।



हेमंत कुमार "अगम"

भाटापारा छत्तीसगढ़








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