मैं और तुम
मैं और मेरा मैं
एक हो जाते हैं
कितनी आसानी से
मैं जो चाहता हूं
वहीं मेरा मैं भी चाहता है
तुम जो चाहते हो
वह तुम्हारा मैं चाहता है
तुम और तुम्हारा मैं
एक हो जाते हो
कितनी आसानी से
मैं केवल मेरा मैं चाहता हूं
और तुम केवल तुम्हारा मैं चाहते हो
मैं और तुम का
मिलना हम हो सकता है
पर मेरा मैं और तुम्हारा मैं
मध्यप्रदेश से गुजर रही
कर्क रेखा की तरह है.....
हेमंत कुमार "अगम"
भाटापारा छत्तीसगढ़
No comments:
Post a Comment