दीपावली
बुधरी के घर भी हर साल
दीप जलता है
दीपावली पर
पूरा गांव दीप जलाता है
इस लिए वह भी
जलाता है
पूरा गांव दीपावली के दिन
अपने वैभव का
सत्कार करता है
खील बताशे मिठाइयां
और भी न जाने
क्या क्या व्यंजन
दीप को अर्पित किये जाते हैं
पूरा गांव दीपावली पर
तेल के दिये की रौशनी से
मानो नहा उठता है
पूरा गांव उस दिन
अद्भुत व्यंजनों का
रात भर लुत्फ उठाता है
पर बुधरी और उसकी बाई को
दीपावली के कुछ दियों को
रौशन करने के लिए
अपने भूख को
बिना खाये-पिये ही
सुलाना पड़ता है...
हेमंत कुमार "अगम"
भाटापारा छत्तीसगढ़
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